आजकल आपने जरूर ही सुना होगा की शेयर मार्केट से लाखों पेसे कमा सकते है बो भी घर बैठे तो आपको बात दे यह बिल्कुल आपने यह सही सुना है शेयर मार्केट से हम लाखों और करोड़ों पेसे बना सकते है पर इसके लिए आपको पहले समझना होगा की share market kya hai और यह कैसे काम करता है दोस्तों आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है आज आपको इस आर्टिकल मे सम्पूर्ण जानकारी पड़ने को मिलेगी | जिससे आप bajar का fundamental बुनियादी और महत्वपूर्ण जानकारी को जानेगे |
NOTE – यहाँ पर आपको स्टॉक मार्केट की जानकारी को हम सांझा करेगे जिससे आप शेयर मार्केट को अच्छी तरह से समझ सके की शेयर मार्केट क्या होता है और हम कुछ बिन्दुयों को लेकर चलते है
- बाजार bajar क्या है
- stock market या शेयर मार्केट क्या है
- nse क्या है
- bse क्या है
- शेयर क्या होता है
- शेयर कितने प्रकार के होते है
- शेयर मार्केट कैसे काम करता है
- कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
- शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
- आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
Table of Contents
what is market in hindi -बाजार क्या है
बेनहम के अनुसार- “कोई भी ऐसा क्षेत्र जिसके अंतर्गत क्रेता एवं विक्रेता प्रत्यक्ष व्यापारियों के द्वारा इस प्रकार एक दूसरे के निकट सम्पर्क में हों, कि बाज़ार के एक हिस्से में पाई जाने वाली क़ीमत दूसरे हिस्सों की क़ीमतों को प्रभावित करे। बाज़ार कहलाता है।”
what is share market in hindi- शेयर मार्केट क्या है
हम stock market को हिन्दी मे शेयर मार्केट बोलते है या आप इसे share bajar भी बोल सकते है अब हम जानेगे share market kya hai तो दोस्तों शेयर बाज़ार एक ऐसा सागर है जिसमे हजारों कंपनियां होती है और उसमे कंपनियों के शेयर को खरीदा और बेचा जाता हैं। जिसे हम शेयर मार्केट के नाम से जानते है
अगर हम पहले देखे जब शेयर बाजार मे शेयर की नीलामी बोलकर की जाती थी यह समय शेयर मार्केट का शुरुआती समय हुआ करता था जिसमे पहले एक ऑफिस के अंदर जहाँ कुछ लोगों को पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। लेकिन अब यह सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंम्प्यूटरों के दुवारा होता है।
अब हर कोई शेयर अनलाइन खरीद सकता है और शेयर को बेच सकता है बो भी घर बैठे बस आपको एक demat account की जरूरत होगी जिसे आप किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते है और उसे बेच सकते है free demat account खोलने के लिए क्लिक करे यहां पर free demat account open
NSE क्या है
NSE का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है इसकी स्थापना सन 1992 मे हुई यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई मे स्थित है और इसका मुख्यालय भी मुंबई मे स्थित है और इसके आने से ही इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और offline पेपर वर्क से शेयर मार्केट का काम खत्म हो गया
आपको पता है दोस्तों सन 1996 मे एनएसई ने nifty की शुरुआत की जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाजार की रीड़ बना | नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप मे पहचान मिली और 1992 मे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रेक्टर्स एक्ट , 1956 के तहत कर भुगतान के रूप मे स्थापित किया गया |
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 11 वां सबसे बडा स्टॉक एक्सचेंज है
BSE क्या है
BSE (बंबई स्टॉक एक्सचेंज) इसका पूरा नाम है
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) भारत का पहला और सबसे बड़ा सिक्योरिटी मार्केट है। इसकी स्थापना 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में हुई थी। मुंबई स्थित बीएसई में लगभग 6,000 कंपनियां सूचीबद्ध हैं और एनवाईएसई, नास्दक, लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, जापान एक्सचेंज ग्रुप और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के साथ यह दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। निवेश पूंजी जुटाने के लिए भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए कारगर मंच उपलब्ध कराकर, भारतीय पूंजी बाजार के विकास में बीएसई की मुख्य भूमिका रही है।
बीएसई इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली के लिए जाना जाता है, जो तेज और प्रभावी ट्रेड एक्सीक्यूशन उपलब्ध कराता है। बीएसई निवेशकों को इक्विटीज, करेंसीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स और म्युचुअल फंड्स में ट्रेड करने में सक्षम बनाता है। बीएसई रिस्क मैनेजमेंट, क्लीयरिंग, सेटलमेंट और निवेशक शिक्षा जैसी अन्य महत्वपूर्ण पूंजी बाजार ट्रेडिंग सेवाएं भी प्रदान करता है।
शेयर क्या है
share market मे शेयर का मतलब किसी कंपनी मे आपकी एक शेयर की कीमत जितनी होगी उतनी ही आपकी उस कंपनी मे आपकी हिस्सेदारी मानी जाएगी उसे हम स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार मे शेयर बोलत है |
शेयर कितने प्रकार के होते है
शेयर बाजार मे शेयर तीन प्रकार के होते जिन्हे हम इस प्रकार से जानते है जेसे
- Equity Share (इक्विटी शेयर)
- Preference Share (परेफरेंस शेयर )
- DVR Share (डी वी आर शेयर )
चलो हम इनको एक एक करके समझते है यह किस प्रकार काम कर है शेयर मार्केट मे
Equity Share (इक्विटी शेयर)
स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनी जब अपना शेयर इशू करती है तो उन शेयर को equity share कहा जाता है .
बंकि अन्य शेयर कि तुलना में equity share सबसे ज्यादा ट्रेड किये जाते है क्योंकि यह शेयर लगभग सभी कंपनी के द्वारा इशू किये जाते है .
स्टॉक एक्सचेंज में लोग सबसे ज्यादा इक्विटी शेयर्स पर ही इन्वेस्ट और ट्रेडिंग करते है इस कारण से इन्हें लोग इक्विटी शेयर कि जगह सिर्फ शेयर कहना पसंद करते है
Preference Share (परेफरेंस शेयर )
शेयर बाजार में इक्विटी शेयर के बाद परेफरेंस शेयर का नाम बहुत चलता है , परेफरेंस शेयर और इक्विटी शेयर इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है .
क्योंकि यह दोनों है तो शेयर ही , लेकिन कुछ बाते है जो इक्विटी शेयर से परेफरेंस शेयर को अलग बनती है .
जैसे कि परेफरेंस शेयर होल्डर कभी भी कंपनी कि मीटिंग में वोटिंग नहीं कर सकता . क्योंकि परेफरेंस शेयर होल्डर के पास इसका अधिकार नहीं होता .
और परेफरेंस शेयर होल्डर को कंपनी से मिलने वाला मुनाफा पहले ही तय कर दिया जाता है जो कि उसे साल के अंत में मिलने वाला है, इस प्रकार से परेफरेंस शेयर इक्विटी से अलग है .
DVR Share (डी वी आर शेयर )
DVR Share Full Form is : Share With Differential Voting Rights.
डी वी आर शेयर इक्विटी और परेफरेंस शेयर से अलग है ये इस लिए अलग है कि डी वी आर शेयर होल्डर को इक्विटी शेयर कि तरह लाभ तो मिलता है लेकिन उसकी तरह वोटिंग राइट्स नहीं मिलते .
ऐसा नहीं है कि डी वी आर शेयर होल्डर वोटिंग नहीं कर सकता , डी वी आर होल्डर वोटिंग कर सकता है लेकिन उसके voting rights सुनिश्चित होते है . यही कि उसको जहाँ वोटिंग करने का अधिकार दिया जाएगा वही डी वी आर शेयर होल्डर वोटिंग कर पायेगा .
शेयर मार्केट कैसे काम करता है
share market kya hai यह समझने के बाद आपको यह जानना बहुत जरूरी है की शेयर मार्केट केसे काम करता है यह बड़ा ही आसान है और आपको इन चार चीजो को समझना होगा –
- लिस्टेड कम्पनियां
- शेयर धारक
- डिमांड और सप्लाई
- मार्केट की परिस्थिति आदि
इसे सरल तरीके से एक एक करके समझते है
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
आप उपसटऑक्स पे demat अकाउंट को कैसे खोलते है जानने के लिए जरूर पड़े
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