म्यूचुअल फंड एक प्रकार का वित्तीय वाहन है, जो कई निवेशकों से जमा किए गए पैसे के पूल से बना होता है, जिसमे बॉन्ड, स्टॉक, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और दूसरे एसेट्स भी निवेश हैं. म्यूचुअल फंड इस क्षेत्र के माहिर और पेशेवर मनी मैनेजर द्वारा ऑपरेट किया जाता है. यही फंड की संपत्ति को आवंटित करते हैं और फंड के निवेशकों के लिए कैपिटल लाभ या इनकम बढ़ाने की कोशिश करते हैं.
म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को संरचित किया जाता है और म्यूच्यूअल फण्ड के प्रॉस्पेक्टस में बताए गए इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव को मेन्टेन करने के लिए ही इसके पोर्टफोलियो को स्ट्रक्चर्ड किया जाता है.
निवेश करने के कई सारे रास्ते आज हमारे पास उपलब्ध है. इन रास्तों मे से शेयर बाजार, भूमि में निवेश इत्यादि प्रमुख है. इन सब में एक और मुख्य है उसे मे म्यूचुअल फंड के नाम से जानते है.
Mutual fund से तात्पर्य होता है की यह एक समूह होता है जो कई सारे अलग – अलग फण्ड समूहों से मिलकर बनता है.
Mutual funds में कई अन्य लोगों के पैसों को इकट्ठा किया जाया जाता है और उसे कई अलग – अलग तरीकों से अलग – अलग जगहों पर निवेश किया जाता है. इसमें इस बात का ख्याल रखा जाता है जिसमें यह देखा जा सके की इसमें निवेशकों को अच्छा मुनाफा किया जा सकते है.
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Mutual fund का इतिहास
भारत में साल 1963 में इस प्रकार के उद्योग की शुरुआत की गई थी. भारत में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक एवं भारत सरकार की पहल पर भारत की वित्तीय संस्था यूनिट Trust of india ने इस प्रकार के उद्योग की पहल की थी.
भारत में इस व्यवसाय की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य यह था की इससे वे छोटे निवेशकों को व्यवसायों व बडे उद्योगों की और आकर्षित कर सकें.
भारत में UTI का गठन साल 1963 में संसद के एक अधिनियम के तहत किया गया था. इस संस्था की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई थी साथ ही उसने शुरुआती समय में आरबीआई के साथ ही काम किया था.
इस फंड की शुरुआत के बाद से इसके कई अलग – अलग चरणों में बांटा गया जिसमें प्राइवेट व पब्लिक सेक्टर को भी शामिल किया गया.
इस फंड की शुरुआत के सबसे पहले चरण में केवल सरकारी सेक्टर ने ही इसमें कार्य किया था जिसके बाद इस फंड को पहली बार में 6700 रुपये जमा किये.
इसके दूसरे चरण में इसमे निजी कंपनीयों को भी शामिल किया गया. इसकी शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक ने अपना पहला म्यूचुअल फंड बनाया जिसे NONUTI नाम किया गया.
इसके दूसरे चरण के खत्म होत होते इस फंड ने इतनी बढोतरी की ही इसका फंड बढकर 47004 करोड़ हो गई दूसरे चरण के खत्म होने के साथ साथ लोगों मे म्यूचल फंड की काफी प्रशंसा होने लगी.
निजी सेक्टर को मिली मंजूरी
इस फंड की बढ़ोतरी के साथ साथ इसके तीसरे चरण में निजी सेक्टर को भी इसमें आगे आने की मंजूरी दी गई.
इस तीसरे चरण के साथ ही यह फंड लोगो के बीच काफी पॉपुलर होता चला गया और लोगों ने इसमें निवेश करना चालू कर दिया.
आज के समय में इस फंड में काफी लोग अपना पैसा निवेश कर रहे है.
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Mutual fund के प्रकार
1963 में शुरू किया गया यह व्यवसाय आज भारत में लगभग हर लोगों की पहचान बन चुका है. इस म्यूच्यूअल फंड के भी कई अलग-अलग प्रकार है जिसके बारे में आपको आगे बताया जा रहा है.
म्यूच्यूअल फंड को मुख्य रूप से दो भागों मे बांटा जाता है. इन दो प्रकारों के बारे मे आगे बताया गया है.
संरचना के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार
- Open Ended Mutual Funds
इस प्रकार के फंड में लोग ज्यादा पसंद करते है क्योंकि इस फंड की योजना में वे अपने प्लान को किसी भी समय बेच व खरीद सकते है.
इस प्रकार के फंड में किसी भी प्रकार की कोई समयावधि नहीं थी. इस प्रकार के म्यूचुअल फंड में तरलता प्रदान की जाती है.
- Close Ended Mutual Funds
इस प्रकार के फंड ज्यादा समय के लिए निर्धारित किये जाते है. इस प्रकार के फंड को कम समय में बेचने व खरीदने की लोगों को इजाजत नहीं होती है.
इस प्रकार की समयावधि भी निश्चित होती है. इस प्रकार के म्यूच्यूअल फंड को शेयर बाजार में निवेश किया जाता है. इस पर कई सारी दबाव भी होते है क्योंकि चूंकि यह फंड शेयर बाजार में लगाये जाते है जिस वजह से इन में जोखिम भी काफी ज्यादा होता है.
- Interval funds
यह एक ऐसा फंड है जो Open ended mutual fund और close mutual funds दोनो के साथ मिलकर बना हुआ है.
इस प्रकार के फंड में उपर बताये गये दोनो प्रकार के फंड की प्रधानता है. यह फंड अपने निवेशकों कों समय से पूर्व निर्धारित समय में निवेश करने की अनुमति देता है. इस प्रकार के फंड में आप ट्रेडिंग भी कर सकते है
ऐसेट्स के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार
ऊपर वाले प्रकार में आपको संरचना के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार के बारे में बताया गया है, वही यहां पर आपको ऐसेट्स के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकारों के बारे में बताया जा रहा है.
- Debt Funds
इस प्रकार में निवेश करने के लिए निवेश काफी बेताब होते है क्योंकि इस प्रकार के फंड में जोखिम काफी कम होता है.
इसमें निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाता है जो की पूर्ण रूप से सुरक्षित होता है. इसमें आप एक निश्चित आय कर सकते है.
- Liquid Mutual Funds
एक निश्चित आय प्राप्त करने के लिए यह भी एक काफी सुरक्षित है. इसमें आप कम समय के लिए निवेश कर सकते है और फिर एक अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है.
जिन लोगों के पास समय कम होता है और वे निवेश करना चाहते है तो वे इस फंड में निवेश कर सकते है.
- Equity Funds
अगर आप लम्बे समय के लिए एक निश्चित आय प्राप्त करना चाहते है तो आपके लिए यह एक अच्छा फंड है. इस फंड में जोखिम भी काफी ज्यादा होती है.
इस तरह का फंड जोखिम मे तो भरा होता है की साथ ही इस फंड में आप आसानी से निवेश भी कर पाते है. अगर आप इसमें ज्यादा समय के लिए निवेश कर के रखते है तो आपको उस स्थिति मे काफी ज्यादा मुनाफा होने के सांच रहते है.
- Money market funds
अगर आपके पास पैसा है परन्तु आप उसे ज्यादा समय के लिए न रख कर, कम समय के लिए निवेश कर के रखना चाहते है तो भी उस स्थिति में आपके पास यह एक अच्छा ऑप्शन है. - Balanced Mutual funds
इस प्रकार का फंड और दोनो का मिला जुला रूप है. इस फंड में इन दोनो प्रकार के फंड की प्रधानता देखने को मिलती है.
इस प्रकार के इक्ट्ठे हुए फंड को आप इन दोनो में निवेश कर सकते है. इस प्रकार के फंड निवेशकों को एक निश्चित आय देते है साथ ही उनको कमाई करने में एग गति प्रदान करते है.
म्यूच्यूअल फंड कैसे खरीदे?
अगर आपने भी इस फंड में निवेश करने का सोच लिया है तो आपको यह भी जानना चाहिए की आप इसमें किस तरह से निवेश कर सकते है.
इस म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए आपको कुछ आसान से प्रोसेस को फॉलो करना होता है.
अगर आप डायरेक्ट निवेश करते है तो उसमें जोखिम ज्यादा रहता है एवं आप किसी ऐप के जरिये निवेश करते है तो आपको इसमें जोखिम कम रहता है.
आप इन ऐप के जरिये आप आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है. वैसे तो बाजार में कई ऐप है जो आपको निवेश करने का मौका देती है उनमें Groww, MyCams, InvesTap, KTrack Mobile App, IPRUTouch App इत्यादि ऐप प्रमुख है.
हालांकि यह ऐप सुरक्षित है पर फिर भी इम इन ऐप के बारे मे आपको यह नहीं कहते है की आप इन ऐप के जरिये ही म्यूचुअल फंड में निवेश करें, आप अपने स्तर पर जांच पड़ताल कर ही इसमें निवेश करें.
क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना सही है?
वैसे तो म्यूचुअल फंड में ऐसे कई सारे ऑप्शन है जिसमें आप निवेश कर सकते है और अच्छा खासा रिटर्न बना सकते है परन्तु यह कहना पूरी तरीके से गलत होगा की म्यूच्यूअल फंड किस प्रकार का है. फंड पर सबकी अलग – अलग सोच होती है.
अगर हम हमारी बात तो यह एक अच्छा ऑप्शन है निवेश करने के लिए.
कम से कम कितना निवेश करना होता है?
म्यूचुअल फंड में अगर आप निवेश करना चाहते है और आपके पास फंड नहीं है तो उस स्थिति में आपको चिंता करने की जरूरत नही है.
आप म्यूचुअल फंड में कम से कम 500 रुपये के साथ इसमें निवेश कर सकते है.
सम्बंधित सवाल जवाब – FAQ
- म्यूच्यूल फंड में कितना निवेश कर सकते है ?
Ans. म्यूचुअल फंड में निवेश करने की वैसे तो कोई लिमिट नहीं है पर फिर भी आप इसमें कम से कम 500 और ज्यादा से ज्यादा 10,00,000 तक का निवेश कर सकते है. - क्या म्यूच्यूल फंड सुरक्षित है ?
Ans. हा, जहां तक सवाल से सुरक्षा तो आपके लिए यह जानना जरूरी है की म्यूच्यूअल फंड सुरक्षित और सेफ है. - क्या म्यूच्यूल फंड टैक्स मुफ्त है ?
Ans. एक लाख तक के ऐसे म्यूचुअल फंड जो लौंग टर्म के लिए होते है वे पूरी तरीके से सुरक्षित होते है. - म्यूच्यूअल मै कौन निवेश कर सकता है ?
Ans. म्यूचुअल फंड मे वो हर नागरिक आवेदन कर सकता जिसकी आयु 18 वर्ष से ऊपर हो और वो भारत का नागरिक हो. - म्यूच्यूअल फंड की शुरूआत कब की गई थी ?
Ans. म्यूच्यूअल फंड की शुरूआत साल 1963 में की गई थी.
निष्कर्ष
हमारे इस लेख में आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बताया है. यह एक ऐसा फंड है जो आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है.
अगर आप इसमें निवेश करना चाहते है तो आप इसमें आसानी से निवेश कर सकते है. उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा और म्यूचुअल फंड के बारे में बताई गई जानकारी पसंद आयी होगी.